आज हम dil ko theek rakhne ke tips के बारे में बात करेंगे हमारे शरीर में रक्त प्रवाह करने वाला प्रमुख अंग हमारा ह्रदय ही है जो बिना रुके 24 घण्टे काम करता है और हमारे शरीर को खून पम्प करता है। जब आप अपने दिल को ठीक रखने का काम बंद कर देते हैं तो धमनियों में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं अगर आप उन स्थितियों को न समझे जो आपके दिल को ठीक और प्रभावित करती हैं तो आप दिल की कई बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं।
हमारा दिल 60000 मील यानी कि 97000 किलोमीटर लंबे नेटवर्क के माध्यम से जीवन-निर्वाह रक्त को पम्प करने में जिम्मेदार है। आमतौर पर हमारा दिल 1 मिनट में 70 से 80 बार धड़कता है और 24 घण्टे में 1 लाख बार धड़कता है और 1 वर्ष में 40 मिलियन और पूरे जीवनकाल में 3 बिलियन बार धड़कता है।
इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारा दिल कितना अहम है और कितना काम करता है। परंतु हम इसे अनदेखा करते हैं। हम अपने दिल को ठीक रखने के लिए कुछ नही करते। 90 प्रतिशत ह्रदय रोग आपकी जीवनशैली, तनाव, आप क्या खाते हैं और आप कितने सक्रिय हैं, इन पर निर्भर करता है।
आपको अपने ह्रदय की सुननी चाहिये। तो आज हम हृदय को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों ओर दिल को ठीक रखने के लिए कुछ टिप्स के बारे में बात करेंगे। आपके दिल की health को नुकसान सबसे ज्यादा 2 चीजों से पड़ता है।
- उच्च रक्तचाप (High Blood Pressur)
- कोलेस्ट्रॉल (cholesterol)
उच्च रक्तचाप (High blood pressure)
हमारे शरीर मे कई बार रक्तचाप का स्तर काफी बढ़ जाता है और हम नजरअंदाज करते रहते हैं। उच्च रक्तचाप में होता ये है कि आपके शरीर में खून का प्रवाह तेज हो जाता है जिससे दिल जोर जोर से चलने लगता है। दिल के जोर से धड़कने पर खून दिल की धमनियों पर जोर डालता है।खून का प्रवाह तेज हो जाने के कारण सारे शरीर की नसों ओर धमनियों पर काफी जोर पड़ने लगता है जिससे आपके दिल के साथ साथ आपके गुर्दे (kidney) ओर अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। आपका उच्च रक्तचाप अचानक से बढ़ता है और आपके शरीर के किसी भी अंग पर प्रभाव डाल सकता है। ये सबसे ज्यादा दिल पर ही प्रभाव डालता है जिससे हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। तभी तो उच्च रक्तचाप को "silent killer" जाता है
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उच्च रक्तचाप को कैसे पहचाने
उच्च रक्तचाप किसी भी समय बढ़ जाता है इसका पता आप सतर्क रह कर कर सकते हैं जैसे आपकी आंखों के आगे अंधेरा आना शुरू हो जाना, या आपके सीने में दर्द हो रहा है, सिर में अचानक से तेज दर्द शुरू हो जाना, एकदम से उल्टी का मन करने लगना या फिर नब्ज का तेज हो जाना। इस सभी बातों में से कुछ भी होने पर आप अपना blood pressure तुरंत चेक करवाएं।2.कॉलेस्ट्रॉल (Cholesterol)
कोलेस्ट्रॉल का नाम भी दिल की बीमारी से जोड़ कर देखा जाता है। सभी को लगता है कि ये बहुत बेकार चीज है पर ऐसा नही है। सभी कोलेस्ट्रॉल बेकार नहीं होते। कुछ कोलेस्ट्रोल हमारे दिल को ठीक रखने के लिए अच्छे भी होते है हमारे शरीर को नियमित चलाने के लिए कुछ की आवश्यकता तो होती ही है।कोलेस्ट्रॉल एक मोमी पदार्थ जैसा होता है। यह हमें खाने पीने की काफी वस्तुओं से प्राप्त होता रहता है जिससे हमें विटामिन डी मिलता है और यह हमारे शरीर के कई होर्मोन्स बनाता है। यह महिलाओं में एस्ट्रोजन ओर पुरषों में टेस्टोस्टेरोन बनाता है। कोलेस्ट्रॉल 2 प्रकार के चकते है
- उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या एच डी एल (High density lipoprotein) जिन्हें अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। यह आपके ह्रदय की धमनियों में जमने वाले पदार्थों को हटाता है और सुगमता से ह्रदय को धड़कने देता है और दिल को ठीक रखने में सहायक है
- कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या एल डी एल (Low density lipoprotein) जिन्हें अक्सर खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। यह ह्रदय में जम जाता है जो आपको तकलीफ दे सकता है। यह दिल को ठीक रखने में सहायक नहीं है
कैसे पता करें उच्च कोलेस्ट्रॉल
आपके शरीर मे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कितनी है ये आपको लक्षणों से पता नहीं लग सकता क्योंकि इसके कोई लक्षण नही होते जिसे आप महसूस कर सकें। दिल को ठीक रखने और कोलेस्ट्रॉल की जांच के लिए blood test करवाना पड़ता है या इसका लेवल देखने के लिए home kit भी आती है।blood test करवाने के 10 या 12 घंटे पहले तक आपको कुछ नहीं खाना या पीना होता और न ही कोई दवाई लेनी चाहिए। जब आप test करवाएंगे तो आपकी test report में काफी कुछ आएगा जिसमे आपके कुल कोलेस्ट्रॉल में से अच्छे और बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर और ट्राइग्लिसराइड्स( जो एक प्रकार की वसा है) को देख जाता है। कोलेस्ट्रॉल को कण्ट्रोल करना है तो शरीर का वजन भी कण्ट्रोल होना चाहिए क्योंकि जिनमे मोटापा है उनमे कोलेस्ट्रॉल की समस्या ज्यादा देखने को मिली है।
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उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल दो ही सबसे बड़े कारण है जो दिल को नुकसान पहुंचाते हैं। इन दोनों का लेवल अगर सही रहेगा तभी आपका दिल ठीक रहेगा। आइये जानते है हृदय को ठीक रखने के लिए कुछ टिप्स (dil ko theek rakhne ke tips in hindi)........
दिल को ठीक रखने की कुछ बातें
- अपना ब्लड प्रेशर हफ्ते में 1 2 बार जरूर चेक करवाएं ओर उसे 130/80 के नीचे ही रखें। यदि जरूरत पड़े तो दवाओं का इस्तेमाल कर सकतें हैं।
- हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन या अच्छा कलेस्टरॉल पुरषों के लिए 45 एम.जी/ डी. एल से ऊपर तथा महिलाओं के लिए 55 एम.जी/डी. एल से ऊपर होना चाहिए ब्लड ग्लिसराइड को 150 एम.जी/ डी.एल से नीचे रखें।
- अगर आप ह्रदय रोगी हैं तो आप अपना चेकअप नियमित करवाएं। अगर आपको दिल वाली साइड हाथ, पैर, सिर, या छाती में दर्द का अहसास हो रहा है तो तुरंत अपना blood pressure चेक करवाएं
- कुछ लोग देसी दवाइयों के चक्कर मे पड़ कर अपना ओर ज्यादा नुकसान करवा लेते हैं। आपको कोई भी दवाई अपने docter की सलाह से बिना नही लेनी है
- नमक की मात्रा को भी कम करें। आपको मिलने वाला अधिकांश नमक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से आता है। बाहर का खाना, अधिक तीखा, ओर ज्यादा नमक वाला खाना न खाएं
- ह्रदयघात का खतरा कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ दें भरपूर मात्रा में फल सब्जियो, सबूत अनाजों, मेवों, कम फैट वाले उत्पाद, मछली, दालों, सारसों, ऑलिव सनफ्लॉवर तथा रेपसीड जैसे अनसैचुरेटेड तेलों का सेवन करें।
- प्रतिदिन 30-40 मिनट एक्टिव कसरत करें। एरोबिक कसरत करें जैसे 4 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से चलना, योगा तथा वेट ट्रेनिंग भी करें
- अधिक शराब ह्रदय के लिए घातक है। अगर आप ज़्यादा शराब पीते है तो कम कर दें।
- तनाव से दूर रहें। यह आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है। अगर आपको ज्यादा गुस्सा आता है तो यह ह्रदयघात का कारण बन सकता है। तनाव से दूर रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लें और लगातार काम करते रहने की स्थिति में 15 से 20 मिनट अपने आपको आराम दें।
- शरीर का वजन 10 प्रतिशत कम करने से ब्लड प्रेशर कम होता है और रक्त में ब्लड फैट्स भी कम होते हैं हाई ब्लडप्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी खतरनाक स्थितियों में हमेशा डॉक्टर की सुझाई गई दवाएं ही लें।
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