Social Media का उपयोग तो सभी करते है लेकिन अब social media misuse करने पर होगी क़ानूनी कार्यवाही। Social Media Misuse act in hindi का कम लोगो को ही पता है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब social media चला रहे हैं। आज का युवा तो तकनीकी दिमाग मे बहुत तेज है। अपना ज्यादा से ज्यादा समय जवान बच्चे इंटरनेट और social media जैसे Facebook,Instagram,Twitter और Whatsapp पर ही गुजरते हैं। social media उनके लिए आने वाले समय की जरूरत है या झूठी शान ये तो आज की युवा पीढ़ी ही बता सकती है।
सोशल मीडिया जानकारियों और सूचनाओं को इकठ्ठा करने और लोगो के साथ सांझा करने का एक माध्यम है। लेकिन लोगो का भारी मात्रा में social media पर सक्रियता से आप खुद ही अंदाजा लगा सकते है कि यह किस तरह से लोगो के जीवन का अंग बन गया है। लोगो द्वारा अपने विचारों को सोशल मीडिया पर खुले तौर पर व्यक्त किया जा रहा है और करें भी क्यो न हमारे हिंदुस्तान में "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता" के सविधान के तहत सभी को अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है।
लोग बिना सोचे समझे सिर्फ अपने मनोरंजन के लिए ऐसी पोस्ट पर कमेंट कर जाते हैं या उनको शेयर कर जाते हैं जो कानूनी तौर पर बिल्कुल भी सही नहीं होते जिसके कारण उनको कानूनी कार्यवाही का सामना करते हुए सजा तक हो सकती है। आज हम उन्ही कानूनी प्रावधानों (social media misuse act in hindi) की बात करेंगे जो सोशल मीडिया के दुरुपयोग करने पर हो सकती हैं। तो आइये जानते हैं सोशल मीडिया पर पोस्ट की जाने वाली कुछ आपत्तिजनक श्रेणियों और उनके लिए सजा के प्रावधान के बारे में....
अगर किसी ने भी फर्जी एकाउंट बनाया है तो उसके लिए कानून में प्रावधान है। अगर ऐसा करते कोई पकड़ा जाता है तो उससे IT Act की धारा 66C के तहत तीन साल की सजा हो सकती है और साथ में जुर्माना भी हो सकता है। और यदि कोई किसी दूसरे व्यक्ति के एकाउंट के साथ छेड़छाड़ करने के दोषी भी पाए जाता हैं तो उस पर IT Act की धारा 67 के तहत भी कानूनी कार्यवाही की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है।
अगर कोई भी बिना मतलब की अफवाह फैलाने का दोषी पाया जाता है तो उसके लिए कानून में IPC Act 505 के तहत कड़ी कार्यवाही का प्रावधान है और दोषी को सजा तक हो सकती है।
Social media misuse act के अनुसार यदि कोई भी व्यक्ति किसी के द्वारा किये गए कमेंट से धार्मिक भावना के प्रति आहत होता है और अगर वो FIR करवा दे तो कमेंट करने वाले व्यक्ति पर कानूनी कार्यवाही की IPC Act-295A के तहत मुकदमा दायर किया जा सकता है और दोषी पाए जाने पर 3 साल की सजा हो सकती है।
आरोप सिद्ध हो जाने पर आरोपी व्यक्ति को 2 साल तक की सजा भी हो सकती है।
संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (A) के तहत सभी नागरिकों को "अभिव्यक्ति की आजादी" दी गई है। अभिव्यक्ति की यह आजादी उसी सीमा तक है, जहां तक आप किसी कानून का उल्लंघन नहीं करते हैं और दूसरे को आहत या नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। भारतीय संसद ने साइबर क्राइम को रोकने के लिए साल 2000 में इनफॉर्मेशन एक्ट यानी आईटी एक्ट (Social media misuse act) बनाया था
1.फर्जी एकाउंट बनाना (Fake Account)
जैसा कि आजकल बहुत से लोग social media पर फर्जी एकाउंट बना लेते हैं। किसी की फ़ोटो चुरा कर प्रोफाइल पर बना कर social media misuse करते हैं। लेकिन ऐसा करना कानूनी तौर पर बहुत गलत है। कानून इसे अपराध के रूप में देखता है।अगर किसी ने भी फर्जी एकाउंट बनाया है तो उसके लिए कानून में प्रावधान है। अगर ऐसा करते कोई पकड़ा जाता है तो उससे IT Act की धारा 66C के तहत तीन साल की सजा हो सकती है और साथ में जुर्माना भी हो सकता है। और यदि कोई किसी दूसरे व्यक्ति के एकाउंट के साथ छेड़छाड़ करने के दोषी भी पाए जाता हैं तो उस पर IT Act की धारा 67 के तहत भी कानूनी कार्यवाही की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है।
2.अफवाह फैलाना (Spreading rumors)
कोई न कोई अफवाह सुनने को मिलती ही रहती है। आजकल फेसबुक,ट्विटर,और व्हाट्सएप पर आपके पास भी कोई न कोई अफवाह का मैसेज आता ही होगा लेकिन आपको बता दें कि अफवाह फैलाने वाले पर भी social media misuse act के आधार पर कानूनी शिकंजा कसा जा सकता है।अगर कोई भी बिना मतलब की अफवाह फैलाने का दोषी पाया जाता है तो उसके लिए कानून में IPC Act 505 के तहत कड़ी कार्यवाही का प्रावधान है और दोषी को सजा तक हो सकती है।
3.धार्मिक भावनाएं भड़काना (Provoke religious feelings)
धर्म के खिलाफ बोली गई आपत्तिजनक बात समस्या का कारण बन सकती है। social media misuse करके अक्सर लोग एक दूसरे के धर्म का मजाक करते दिख जाते हैं या आपत्तिजनक बातें लिखतें हैं या फिर किसी धर्म के प्रतीकों का अपमान करते हैं।Social media misuse act के अनुसार यदि कोई भी व्यक्ति किसी के द्वारा किये गए कमेंट से धार्मिक भावना के प्रति आहत होता है और अगर वो FIR करवा दे तो कमेंट करने वाले व्यक्ति पर कानूनी कार्यवाही की IPC Act-295A के तहत मुकदमा दायर किया जा सकता है और दोषी पाए जाने पर 3 साल की सजा हो सकती है।
4.देशविरोधी कमेंट और पोस्ट्स (Anti-national comments and posts)
सोशल मीडिया पर अगर कोई भी व्यक्ति देश के विरुद्ध कोई भी कॉमेंट या पोस्ट करता है तो उसके लिए भी कानून में कड़ा नियम है। देश के विरुद्ध लिखी गई कोई भी बात या देश की एकता और अंखडता को किसी भी प्रकार से पहुंचाई गई भावनात्मक चोट या देश की संप्रभुता को चुनोती देने वाली कोई भी बात लिखी गई हो और देश के खिलाफ social media misuse किया गया हो तो IPC Act-124A के तहत देषद्रोही मुकदमा दायर किया जा सकता है और कड़ी सजा का भी प्रावधान है।5.सम्मान को ठेस पहुंचना (Hurting honor)
यदि सोशल मीडिया पर किसी भी व्यक्ति को भला बुरा कहा जाता है परन्तु अगर वो व्यक्ति वैसा नहीं है जैसा कहा या उसके प्रति छवि बनाई जा रही है औऱ जिससे समाज में उसके सम्मान में कमी आये तो Social Media Misuse Act IPC-499 और 500 के तहत मामला दर्ज हो सकता है।आरोप सिद्ध हो जाने पर आरोपी व्यक्ति को 2 साल तक की सजा भी हो सकती है।
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